वो भीष्म थे नव भारत के
यमराज भी जिनसे हारे थे |
स्वतंत्र दिवस पे ध्वज झुकने ना दिया
वो पितामह अटल बिहारी थे |
अमरीका ने फ़ोन किया
कहा कारगिल पाकिस्तान को दे दो ,
वो गरज के बोले ,
मेरे आधे भारत को झोक के
तुम पूरा पाकिस्तान मुझे दे दो ||
निडर निष्पक्ष नाम आपके ,
पोखरण से ही विश्व हिल्ला दिया ,
दिल्ली से लाहौर तक
बस से ही शांति ध्वज लहरा दिया ||
अटल रहे विश्वास हमारा
आपके ममर्स्पर्शी शब्दों से ,
क्यूंकि राजनीती की समझ आयी
आपके हर वाक् - चातुर्य भाषण से ||
खुद को रखा हर राजनीती की कीचड़ से संभल के
जिसने दिल जीता अपने काम से ,
औरआज भी तिरंगा लपेट के
वो उसी तरह मुस्कुरा रहे होंगे आसमान से ||
No comments:
Post a Comment